सुबह के एक घंटे पहले, जब दुनिया अभी नींद में थी, हरमन सिधू की गाड़ी एक कैंटर ट्रक से सीधे टकरा गई। उनकी आखिरी साँसें मंसा-पटियाला रोड पर रुक गईं — एक सड़क जहाँ पिछले 18 महीनों में 27 लोगों की जान चली गई। 37 साल के इस पंजाबी गायक की मौत शनिवार, 22 नवंबर 2025 को लगभग एक बजे सुबह हुई, जब वे एक प्रोफेशनल शूट से अपने गाँव खियाला, मंसा वापस जा रहे थे। पुलिस के मुताबिक, टक्कर का झटका इतना भयानक था कि वे तुरंत जान से चले गए।
आखिरी पोस्ट, आखिरी झलक
हरमन की आखिरी पोस्ट इंस्टाग्राम पर तीन हफ्ते पहले थी — उनकी छोटी बेटी के साथ, घर के छत पर, हाथों में गेंदे के फूल लिए। बच्ची नाच रही थी, वह हंस रहे थे। उस वीडियो को अब लाखों लोग देख रहे हैं। टिप्पणियों में लिखा है: "रेस्ट इन पीस", "तुम्हारी आवाज़ हमेशा याद रहेगी", "ये बच्ची तुम्हारी आवाज़ बनकर रहेगी"। लाल दिलों का बादल इस पोस्ट के नीचे छा गया। ये बस एक वीडियो नहीं था — ये एक पिता की अंतिम चाहत थी।
कैसे बने एक आम आदमी के गायक
हरमन सिधू खियाला के एक छोटे से घर में पले-बढ़े। बचपन में गाँव के त्योहारों में लोक गीत गाना उनकी आदत थी। 2018 में उनका गाना "Paper Te Pyaar" — मिस पूजा (जसविंदर कौर भदाना) के साथ — बिल्कुल आग की तरह फैल गया। उसके बाद आया "Koi Chakkar Nai", "Bebe Bapu", "Babbar Sher", और "Multan VS Russia"। उनकी आवाज़ में वो जमीनी चार्म था जो आज के बनावटी संगीत में खो चुका था। गुल्फ न्यूज़ ने उन्हें "एक जमीन से जुड़े, गर्म दिल वाले इंसान" कहा — और ये बिल्कुल सच था।
उनके साथ काम करने वाले हर कलाकार ने कहा — "वो कभी बड़े नहीं बने। वो बस अपने रास्ते पर चलते रहे।" उनकी मौत के बाद अखिल भारतीय सिने कर्मचारी संघ के पंजाब अध्यक्ष ने कहा, "हम एक ऐसे गायक को खो रहे हैं जिसकी आवाज़ सिर्फ रेडियो पर नहीं, बल्कि गाँव के घरों में भी गूंजती थी।"
एक और नुकसान, एक और चेतावनी
ये दुर्घटना तब हुई जब पंजाबी संगीत उद्योग अभी भी राजवीर जवंदा की मौत के झटके से उबर रहा था — जिनकी मौत कुछ महीने पहले हुई थी। दो गायक, दो अलग-अलग दुर्घटनाएँ, एक ही दर्द। अब लोग पूछ रहे हैं — क्या ये सिर्फ भाग्य की बात है, या एक बड़ी नज़रअंदाज़ी है?
मंसा-पटियाला रोड का आंकड़ा डरावना है: 18 महीनों में 27 फैटल दुर्घटनाएँ। लेकिन कोई सुधार नहीं। कोई रोशनी नहीं। कोई बाड़ नहीं। कोई रास्ते की निगरानी नहीं। गायक रात को शूट के बाद घर जा रहे हैं — और उनकी गाड़ियाँ ट्रकों के सामने खड़ी हो जाती हैं।
अब क्या होगा?
हरमन की अंतिम अंतिम इच्छा अभी तक जानी नहीं गई है। लेकिन उनके परिवार के लोगों ने पुलिस को अनुमति दे दी है कि उनका शरीर मंसा सिविल अस्पताल से जल्द ही खियाला ले जाया जाए। पंजाबी संस्कृति के अनुसार, अंतिम संस्कार 48 घंटे के भीतर होंगे। गाँव के लोग तैयार हैं — लाखों फैन्स अपने घरों में दीपक जला रहे हैं।
संगीत उद्योग अब एक नए सवाल के सामने है: क्या गायकों के लिए यात्रा सुरक्षित है? क्या किसी को रात में लंबी यात्रा करने की अनुमति दी जानी चाहिए? क्या कंपनियाँ अपने कलाकारों की सुरक्षा के लिए अपनी जिम्मेदारी नहीं ले रहीं?
अब तक क्या जाना गया
- हरमन सिधू की मौत की तारीख: 22 नवंबर 2025, लगभग 1:30 बजे सुबह
- दुर्घटना का स्थान: मंसा-पटियाला रोड, मंसा जिला, पंजाब
- कारण: सीधा टक्कर — कैंटर ट्रक के साथ
- शरीर का स्थान: मंसा सिविल अस्पताल (पोस्टमार्टम पूरा हो चुका है)
- परिवार: पत्नी और एक छोटी बेटी — दोनों खियाला में रहते हैं
- संगीत कैरियर: 12+ गाने, 7 साल का अनुभव, 2018 में "Paper Te Pyaar" से फेमस
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
हरमन सिधू की आखिरी इंस्टाग्राम पोस्ट क्या थी?
हरमन की आखिरी पोस्ट 3 हफ्ते पहले उनकी बेटी के साथ घर की छत पर गेंदे के फूल लिए खड़े होने का रील था। बच्ची नाच रही थी और वे हंस रहे थे। इस पोस्ट को अब लाखों लोग देख रहे हैं और टिप्पणियों में उनकी याद में रेड हार्ट और "Rest in Peace" के संदेश भरे हुए हैं। ये उनकी आखिरी खुशी की झलक बन गई है।
हरमन सिधू की मौत के बाद संगीत उद्योग पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उनके गानों की स्ट्रीमिंग अभी से तेज़ हो चुकी है, जैसा कि पिछले कुछ गायकों की मौत के बाद हुआ था। लेकिन इसका असली प्रभाव उद्योग की नीतियों पर पड़ेगा — क्या अब गायकों को रात में लंबी यात्राएँ करने की अनुमति दी जाएगी? क्या टूर डिप्लोमेट्स को सुरक्षित वाहन दिए जाएँगे? ये सवाल अब बहुत गंभीर हो गए हैं।
मंसा-पटियाला रोड पर क्यों होती हैं इतनी दुर्घटनाएँ?
पंजाब ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, इस रोड पर पिछले 18 महीनों में 27 फैटल दुर्घटनाएँ हुई हैं। कारण: अंधेरा, अनियंत्रित ट्रक, अनुपयुक्त रोशनी, और बहुत कम सुरक्षा उपाय। इस रास्ते पर कोई रोड साइड बाड़ नहीं, कोई लाइट नहीं, और कोई निगरानी नहीं। ये सिर्फ एक सड़क नहीं — ये एक जानलेवा फंदा है।
हरमन सिधू के बाद अब कौन बनेगा पंजाबी संगीत का नया चेहरा?
कोई भी एक व्यक्ति हरमन की जगह नहीं ले सकता। उनकी आवाज़ में वो जमीनी असलियत थी जो आज के बहुत से गायकों में नहीं है। लेकिन उनकी मौत ने नए कलाकारों को एक नया रास्ता दिखाया है — बनावटी नहीं, बल्कि असली होने का। अब बहुत से युवा गायक अपने गाँवों से आ रहे हैं, और उनकी आवाज़ में हरमन की छाया दिख रही है।
हरमन सिधू की बेटी का क्या होगा?
बेटी को अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। लेकिन गाँव के लोग और परिवार के सदस्य उसकी देखभाल कर रहे हैं। अगर कोई भी आगे चलकर उसके लिए एक फंड या ट्रस्ट बनाने की सोच रहा है, तो ये एक अच्छा तरीका होगा — न कि बस याद करने के लिए, बल्कि उसके भविष्य के लिए एक जीवन बनाने के लिए।
क्या इस दुर्घटना के बाद कोई जाँच होगी?
पंजाब पुलिस अभी दुर्घटना की जाँच कर रही है। ट्रक ड्राइवर की नशे में होने की जाँच भी हो रही है। लेकिन सवाल ये है — क्या ये एक दुर्घटना थी या एक नज़रअंदाज़ी का परिणाम? अगर रोड पर बेहतर सुरक्षा होती, तो क्या ये होता? इसका जवाब अभी तक नहीं मिला है।