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दिल्ली में 1-4 अक्टूबर तक तापमान में 5°C गिरावट, भारी बारिश की संभावना - IMD घोषणा

दिल्ली में 1-4 अक्टूबर तक तापमान में 5°C गिरावट, भारी बारिश की संभावना - IMD घोषणा अक्तू॰, 1 2025

जब भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 1 अक्टूबर 2025 को आधिकारिक प्रेस रिलीज़ जारी की, तो दिल्ली और एनसीआर में ठंडक की लहरें महसूस की जा रही थीं। विभाग ने बताया कि पिछले 24 घंटों (30 सप्‍तंबर‑1 अक्टूबर) में न्यूनतम तापमान 3‑5°C और अधिकतम तापमान 1‑3°C गिर गया, जिससे राजधानी में आज 22‑24°C की ठंडी रात और 32‑34°C का सुखददायक दुपहरिया दर्ज हुआ। इससे न केवल धूप‑भरे अक्टूबर की परिकल्पना बदल गई, बल्कि बारिश‑बारिश की सम्भावना भी बढ़ गई।

वर्तमान मौसम स्थिति (1 अक्टूबर)

केवल आज ही, दिल्ली के अधिकांश हिस्सों में बदली हुई आधी‑बादल वाली आकाशस्थिति रही। सतह वायु दक्षिण‑पूर्व दिशा से 18 किमी/घंटा तक तेज़ी से बह रही थी, कभी‑कभी 30 किमी/घंटा तक झोंके दिखे। इस दौरान हल्की‑मध्यम बौछार और थंडरस्टॉर्म्स ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में गिरावट दी, जबकि कुछ स्थानों पर तेज़ बारिश भी हुई।

IMD की विस्तृत पूर्वानुमान (1‑4 अक्टूबर)

भविष्यवाणी के अनुसार, 1‑4 अक्टूबर तक दिल्ली मौसम पूर्वानुमान (1‑4 अक्टूबर 2025)दिल्ली और एनसीआर के लिए तापमान सामान्य सीमा के भीतर रहेगा, लेकिन अधिकतम तापमान थोड़ा नीचे रहेगा जबकि न्यूनतम तापमान लगभग सामान्य रहेगा। प्रमुख हवाओं की दिशा फिर से दक्षिण‑पूर्व बनी रहेगी, और कई जगहों पर फिर‑बार बौछारों की संभावना बताई गई है।

  • 1‑4 अक्टूबर के लिए अधिकतम तापमान: 32‑34°C
  • न्यूनतम तापमान: 22‑24°C
  • बादल छटा: 70‑80% संभावना
  • वायुमंडलीय गति: 15‑20 किमी/घंटा, झोकों तक 30 किमी/घंटा
  • बारिश संभावना: अधिकांश क्षेत्रों में हल्की‑मध्यम, कुछ जगहों में भारी

मौसम विज्ञानियों की टिप्पणी

इस घोषणा पर डॉ. मृत्युंजय मोकापत्रा, वायुमंडलीय विज्ञान निदेशक, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कहा, "दक्षिण‑पश्चिमी मानसून का वापसी चरण कई सिस्टमों के कारण रुक गया है—बँधकटिका में व्यवस्थित बवंडर, अरब सागर में कटाव, और मध्य‑पूर्वी भारत में ट्रॉफ और सायक्लोनिक सर्कुलेशन। इस कारण पूरे भारत में अक्टूबर में असामान्य रूप से अधिक वर्षा होगी, जबकि अधिकतम तापमान कम रहेगा।" उन्होंने यह भी जोड़ते हुए बताया कि लवणात्मक इल निनो (ENSO) की स्थितियों में शून्य (न्यूट्रल) है, लेकिन पोस्ट‑मानसून में लाअ‑निना विकसित हो सकता है।

क्षेत्रीय प्रभाव और राष्ट्रीय दिशा‑निर्देश

देश भर में इस माह में असामान्य वर्षा का असर विभिन्न क्षेत्रों में अलग‑अलग होगा। उत्तर‑पूर्वी, पश्चिमी हिमालयीय क्षेत्रों व सौराष्ट्र‑कच्छ में न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर रहेगा, जिससे हल्की‑थंडी का अहसास होगा। वहीं, मध्य‑और पूर्वी भारत में ठंडी हवाओं के साथ थंडरस्टॉर्म की संभावना अधिक है। प्रधानमंत्री के कार्यालय ने इस मौसम को देखते हुए सड़कों पर जल निकासी के बेहतर प्रबंधन और किसानों को अतिरिक्त सिंचाई सहायता के लिए विशेष निर्देश जारी किए हैं।

आगे क्या उम्मीद करनी चाहिए?

जैसे-जैसे अक्टूबर आगे बढ़ेगा, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अचानक‑भारी बौछारें बाढ़‑जोखिम को बढ़ा सकती हैं, विशेषकर दिल्ली के निचले इलाकों में। इसलिए, नागरिकों को स्थानीय मौसम अपडेट पर नजर रखनी चाहिए, बाढ़‑सुरक्षा उपाय अपनाने चाहिए और अनावश्यक यात्रा से बचना चाहिए। एक और बात—जैसे ही लाअ‑निना विकसित होगा, शीतकालीन महीनों में ठंडक में थोड़ा वृद्धि देखी जा सकती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

दिल्ली में इस ठंड के कारण रोज़मर्रा की जिंदगी पर क्या असर पड़ेगा?

कम तापमान से ऊर्जा खर्च में थोड़ी कमी आएगी, क्योंकि एसी का उपयोग कम होगा। हालांकि, मौसमी बौछारें ट्रैफ़िक जाम और जलभराव की समस्या बढ़ा सकती हैं, इसलिए लोगों को सुबह‑शाम की यात्रा में अतिरिक्त समय रखना चाहिए।

क्या पूरे भारत में इस अक्टूबर में बारिश की संभावना बढ़ी है?

हाँ, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अनुमान लगाया है कि अक्टूबर में औसत से अधिक वर्षा होगी, खासकर निचले द्वीप क्षेत्र, मध्य‑भारत और पूर्वी तट के कुछ हिस्सों में।

डॉ. मृत्युंजय मोकापत्रा ने इस बदलाव के पीछे क्या कारण बताया?

उन्होंने बताया कि दक्षिण‑पश्चिमी मानसून के हटने में देरी कई मौसमी सिस्टमों—बंगाल की खाड़ी, अरब सागर, और मध्य‑पूर्वी भारत में ट्रॉफ़ एवं सायक्लोनिक परिपत्रता—के कारण हुई है, जिससे ठंडा और बारिश वाला मौसम बना रहता है।

एल निनो‑ला निना की स्थिति इस मौसम को कैसे प्रभावित करेगी?

वर्तमान में ENSO स्थिति न्यूट्रल है, लेकिन पोस्ट‑मानसून में लाअ‑निना विकसित होने की संभावना है, जिससे सर्दियों में तापमान थोड़ा घट सकता है और कुछ क्षेत्रों में वर्षा की संभावना बढ़ेगी।

बारिश के दौरान लोगों को कौन से सुरक्षा कदम अपनाने चाहिए?

स्थानीय निकासी मार्गों को जानें, पानी में धीमी गति से चलें, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को सूखा रखें और तेज़ बवंडर के समय घर से बाहर निकलने से बचें। साथ ही, जलभराव होने पर गलीचे, रबर की जूते और टॉर्च तैयार रखें।

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