जब रवि शर्मा, अध्यक्ष भारतीय गोल्ड मार्केट असोसिएशन ने 22 अक्टूबर 2025 को दिल्ली के बँकर के बहुराष्ट्रीय शाखा में आज के सोने के रेट घोषित किए, तो बाजार में हड़कंप मच गया। 24 कैरेट सोना ₹135,926 प्रति 10 ग्राम (₹13,592.60 प्रति ग्राम) का आंकड़ा, अब तक का सर्वाधिक स्तर था। इस दिन के आंकड़े, 18 अक्टूबर को मनाए गए धनतेरस के थोड़े‑से गिरते भावों के साथ तीव्र कॉन्ट्रास्ट पेश कर रहे हैं।
धनतेरस 2025 के बाद के मूल्य‑परिवर्तन
धनतेरस (18 अक्टूबर 2025) के दिन, जयपुर में 24 कैरेट सोना ₹13,101 प्रति ग्राम, 22 कैरेट ₹12,010 और 18 कैरेट ₹9,829 के स्तर पर ट्रेड किया। उसी शाम को, दिल्ली में रिटेलर ने 24 कैरेट का रेट ₹13,086 कहा, जबकि 22 कैरेट को ₹11,995 पर देखा गया। कुछ रिटेलर ने 1 रुपया की ऊँचाई या गिरावट भी नोटिस की, जिससे छोटे‑छोटे निवेशकों को ‘प्रॉफिट‑बुकिंग’ का मौका मिला।
अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार की तेज़ी का असर
21 अक्टूबर 2025 को लंदन में सोने की कीमत $4,381.52 प्रति औंस पर पहुँची, यानी पिछले साल के मुकाबले 65 % से ज़्यादा बढ़ोतरी। KADAK न्यूज़ चैनल ने बताया कि 2025 की शुरुआत से इस गति को बनाए रखने के पीछे वैश्विक मौद्रिक नीति, रूसी‑यूक्रेन तनाव और अमेरिकी डॉलर की निरंतर कमजोरी है।
साथ ही, चांदी की कीमतें 80 % से अधिक तैर गईं, जिससे कई निवेशक ‘सिल्वर बैंक्स’ की ओर भी रुख कर रहे हैं। इस असामान्य वृद्धि ने भारतीय उपभोक्ताओं को भी महंगा आभूषण खरीदने के बजाय सोने के सिक्के और बार लेने के लिए प्रेरित किया।
उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव – गहनों से सिक्कों की ओर
यूट्यूब शॉर्ट्स की एक लोकप्रिय वीडियो‑रिपोर्ट के अनुसार, रिकॉर्ड ऊँची कीमतों के कारण अब 15 % तक खरीदार आभूषण की बजाय सोने के सिक्के खरीद रहे हैं। फोकस बदलते ही, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने संभावित बाजार अस्थिरता को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी।
मुंबई, चेन्नई और पुणे जैसे बड़े बाजारों में आज के दिन रिटेलर ने बताया कि सामान‑बंद कीमतों में 2–3 % की मामूली वृद्धि देखी गई, जबकि कुल बिक्री में 5 % तक की गिरावट का अनुमान है। विश्लेषकों का कहना है, अगर कीमतों में और रुकावट नहीं आती, तो अगले दो‑तीन महीनों में आभूषण उद्योग की आय में 8‑10 % की गिरावट भी हो सकती है।
विशेषज्ञों की राय और भविष्य का अंदाज़ा
गोल्ड मार्केट के वरिष्ठ विश्लेषक सनीता पंत, मुख्य अर्थशास्त्री स्मार्ट इन्वेस्टमेंट्स© ने कहा, “डॉलर‑रूपिया दर में निरंतर गिरावट और भू‑राजनीतिक तनावों को देखते हुए, सोना अल्प‑आवधि में ‘सुरक्षित haven’ बना रहेगा, पर दीवाली‑धनतेरस जैसे त्योहारों के दौरान खरीदारों को सही समय चुनना चाहिए।”
एक अन्य विशेषज्ञ, वैष्णव मारुति, जो जाइंट ज्वेलर्स लिमिटेड के व्यापार‑प्रबंधक हैं, ने कहा, “अगर कीमतें 1 % भी घटती हैं, तो कई खरीदार जान‑बूझकर निवेश करेंगे, पर अब माँग में नज़र रखने के लिए हम अपने ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म को तेज़ कर रहे हैं।”
मुख्य बिंदु – एक त्वरित सारांश
- 24 कैरेट सोना ₹135,926/10 ग्राम (₹13,592.60/ग्राम) – 2025‑की रिकॉर्ड हाई
- धनतेरस पर अस्थायी गिरावट (लगभग ₹2,400/10 ग्राम)
- अंतर्राष्ट्रीय कीमत $4,381.52/औंस, 65 % की साली‑साल की बढ़ोतरी
- उपभोक्ता अब सोने के सिक्के/बार खरीदने की दिशा में
- आभूषण उद्योग में 15 % तक की संभावित बिक्री गिरावट
आगे क्या हो सकता है?
आगामी दो‑तीन हफ्तों में, यदि अमेरिकी फेडरल रिज़र्व ब्याज़ दरों में कोई बदलाव नहीं करता, तो सोने की कीमतें स्थिर या और बढ़ सकती हैं। वहीं, अगर डॉलर‑रुपिया मजबूत हो जाता है, तो कीमतों में हल्की गिरावट देखने को मिल सकती है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि दीवाली‑धनतेरस के पहले या बाद में छोटे‑छोटे भागों में खरीदारी करके जोखिम को बाँटें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
धनतेरस 2025 में सोने की कीमतें क्यों गिरीं?
धनतेरस के पहले दिन कई निवेशकों ने लाभ कमाने के लिए अपने सोने को बेच दिया, जिससे अल्प‑कालिक मांग में गिरावट आई। साथ ही, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में लाभ‑बुचकर (profit‑booking) के कारण कीमतों में थोड़ी‑बहुत गिरावट देखी गई।
क्या सोने के सिक्के और बार खरीदना बेहतर है?
रिकॉर्ड कीमतों के कारण कई लोग गहनों की बजाए सिक्के और बार चुन रहे हैं क्योंकि इनका पुनर्विनिमय (resale) आसान है और शुद्धता (purity) स्पष्ट रहती है। विशेषज्ञों का मानना है, दीवाली‑धनतेरस के बाद यदि कीमतें फिक्स्ड या हल्की गिरावट दिखाएँ तो सिक्के‑बार निवेश के लिये उपयुक्त हो सकते हैं।
सोने की कीमतों पर RBI की क्या भूमिका है?
RBI मौद्रिक नीति के माध्यम से डॉलर‑रुपिया की दर को प्रभावित करता है, जो सोने के मूल्य में सीधा असर डालता है। मौजूदा स्थिति में, RBI ने मौद्रिक स्थिरता बनाए रखने के लिए ब्याज़ दरें स्थिर रखी हैं, पर भविष्य में अगर डॉलर मजबूत हुआ, तो सोने की कीमतें कम हो सकती हैं।
आभूषण निर्माताओं पर अब कैसे असर पड़ेगा?
उच्च कीमतों ने खरीदारों की शक्ति को घटाया है, जिससे 2025‑की दूसरी छमाही में आभूषण विक्रय में 8‑10 % तक की गिरावट की संभावना है। कंपनियां अब ऑनलाइन‑विक्री, छोटे‑टुकड़े के आभूषण और ऋण‑सुविधा पर ज़्यादा ध्यान दे रही हैं।
अंतर्राष्ट्रीय सिक्योरिटीज़ मार्केट में सोने का क्या भविष्य है?
वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, भू‑राजनीतिक तनाव और फेडरल रिज़र्व की नीति सोने को सुरक्षित संपत्ति बनाते रहने की संभावना है। अगर ब्याज़ दरें बढ़ती नहीं, तो सोने का मूल्य 2025‑के अंत तक 70‑80 % तक बढ़ सकता है।