सोशल मीडिया और मानसिक स्वास्थ्य: समझें असर और बचाव के तरीके
आप भी नोटिस कर चुके होंगे कि हर सुबह फ़ोन उठाते ही लाइक, शेयर, कमेंट की लहर आती है। यही लहर कभी‑कभी हमें दिमागी थकान दे देती है। तो चलिए, देखते हैं कि सोशल मीडिया हमारे मन को कैसे प्रभावित करता है और इसे कैसे कंट्रोल किया जाए।
सोशल मीडिया का दिल पर सीधा असर
जब हम लगातार फ़ीड स्क्रॉल करते हैं, तो दिमाग को लगातार नई सूचना मिलती रहती है। यह इम्पल्स कंट्रोल को कमजोर करता है, जिससे तनाव, अनिद्रा और आत्म‑संदेह बढ़ सकता है। कई बार हम दूसरों की जिंदगी को अपने साथ तुलना कर लेते हैं, और असल में हम अपने छोटे‑छोटे सुखों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं।
सिर्फ़ पोस्ट देखना ही नहीं, बल्कि कमेंट्स में झगड़े, फ़ेक न्यूज़, या साइबरबुलिंग का सामना भी हमारे मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य पर असर डालता है। ऐसे माहौल में अगर ब्रेक नहीं लेते, तो ज़्यादा समय तक रहना हमें थकाकर रख देता है।
संतुलन बनाए रखने के आसान कदम
पहला कदम है समय‑सीमा तय करना। फ़ोन में ‘डिजिटल वेल‑बीइंग’ सेटिंग खोलें और ऐप का उपयोग 30‑45 मिनट तक सीमित रखें। जब सीमा पूरी हो, तो स्क्रीन बंद कर किसी शारीरिक काम में लग जाएँ—जैसे टहलना या किताब पढ़ना।
दूसरा तरीका है कंटेंट फिल्टर करना। उन अकाउंट्स को अनफ़ॉलो करें जो नकारात्मक महसूस करवाते हैं, और ऐसे प्रोफ़ाइल फॉलो करें जो प्रेरणादायक या शैक्षिक हों। इससे फ़ीड में सकारात्मक जानकारी का प्रतिशत बढ़ेगा।
तीसरा, ऑफ़लाइन एक्टिविटीज़ को प्राथमिकता दें। दोस्तो के साथ मिलना‑जुलना, खेल, या परिवार के साथ खाना खाने का समय सोशल मीडिया से अलग रखें। यह आपके मस्तिष्क को रिसेट करता है और असली दुनिया में जुड़ाव बढ़ाता है।
साथ ही, जब भी कोई पोस्ट या कमेंट आपके मन को दहला देता है, तुरंत एक गहरी साँस ले और 10‑20 सेकंड में जवाब न दें। कुछ मिनट बाद आप उस बात को ज़्यादा शांति से देख पाएँगे। इस तरह रियेक्टिविटी कम होती है।
यदि आप महसूस करते हैं कि सोशल मीडिया से जुड़ी तनाव लगातार बढ़ रही है, तो प्रोफेशनल मदद लेने में झिझकें नहीं। कई काउंसलर ऑनलाइन थेरेपी देते हैं, जहाँ आप अपने डिजिटल एंगेजमेंट को समझ सकते हैं और स्वस्थ आदतें बना सकते हैं।
आखिर में, याद रखें कि सोशल मीडिया एक टूल है, न कि आपका जीवन। इसे सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो यह जानकारी, जुड़ाव और मनोरंजन का शानदार जरिया बन सकता है। लेकिन जब यह आपके मन को थका दे, तो तुरंत ब्रेक लेना ही सबसे बुनियादी रक्षा है।