क्या सोशल मीडिया हमें और असामाजिक बना रहा है?

क्या सोशल मीडिया हमें और असामाजिक बना रहा है? जुल॰, 28 2023

सोशल मीडिया: एक परिचय

सोशल मीडिया की बात करते हैं, तो एक वजह से इस दुनिया में कई सवाल उठते हैं। मैं अर्नव हूं, और यह विषय मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि मैं अपनी पेशेवर जिंदगी में सोशल मीडिया का व्यापक उपयोग करता हूं। आजकल, लोग अपने जीवन की बहुत सारी झलकियों को सोशल मीडिया पर साझा करने और चर्चा करने के लिए सोशल मीडिया का बहुतायत में उपयोग कर रहे हैं। अब मैंने खुद को यह प्रश्न पूछना शुरू किया है कि क्या यह मानव समाज को विस्तारित कर रहा है या हमें और अधिक असामाजिक कर रहा है?

सोशल मीडिया के परिवर्तनशील प्रभाव

कुछ वर्षों पहले, हमने लिखित पत्राचार का उपयोग किया था जो की एक धीरे और कष्टकारी प्रक्रिया थी। लेकिन, अब सोशल मीडिया के माध्यम से, हम पलक झपकते ही किसी से भी संपर्क कर सकते हैं। आवश्यकता पड़ने पर हम तात्कालिक आपातकालीन सहायता प्रदान करने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। हालांकि,तो अब सवाल यह उठता है कि क्या हम सोशल मीडिया का उपयोग ठिक तरीके से कर रहे हैं, या क्या यह हमें और अधिक असामाजिक बना रहा है?

सोशल मीडिया और एकाकीपन

अमेरिकी मनोविज्ञानी एल्बर्ट मेहराबियान का कहना है कि हमारा संवाद आधारित है हां, हम सोशल मीडिया पर बात कर सकते हैं, लेकिन क्या हम वास्तव में एक दूसरे के प्रति हमारी भावनाओं और विचारों को अच्छी तरह से समझ पा रहे हैं? अनहोनी की बात यह है कि बहुत सारे लोग सोशल मीडिया को Use करके आत्मसंतुष्टि और अनुमानित मित्रता की खोज में हैं, जो कि एकता की ओर ले जाता है।

सोशल मीडिया के खतरनाक पहलु

जैसा कि मैंने उल्लेख किया कि सोशल मीडिया की अधिकता अक्सर एकता की ओर ले जाती है, लेकिन यह एकता हमें शायद ही और ज्यादा दूरी पर ले जाती है? यह सवाल यह है कि क्या हम वास्तव में सोशल मीडिया का उपयोग शायद ही करने से महसूस कर रहे हैं, या क्या हम वास्तव में बड़ी तादाद में लोगों से जुड़ने के बाद भी असामाजिक महसूस कर रहे हैं। मेरा अनुभव यह बताता है कि यह सच है। मैं अपने दोस्तों और परिवार के साथ हर दिन बात करता हूं, लेकिन मेरी वास्तविक एकाकीपन की भावना बढ़ती जा रही है।

सोशल मीडिया का सामाजिक जीवन पर असर

पिछले कुछ समय में, मैंने खुद को सोशल मीडिया से घिरे हुए पाया है। इसने न सिर्फ मेरे काम में, बल्कि जीवन के हर पहलू में अपनी छाप छोड़ दी है। मैंने पाया है कि बजाय इसके की मैं अपने मित्रों और परिवार के साथ समय बिताऊं, मैं अधिकतर समय स्क्रीन के सामने बिता रहा हूं। और यही वास्तविक समस्या है। क्या हमें सच में इसके खिलाफ कुछ करने की आवश्यकता है?

सोशल मीडिया से व्यक्तिगत जीवन के अलगाव

हम अधिकांश समय कंप्यूटर के सामने बिताने में लगा देते हैं और फिर हम खुद को और अधिक अकेला महसूस करने लगते हैं। हमें अपने सामाजिक जीवन से अलगाव महसूस होता हैं, जिसे हमें पहले कभी नहीं अनुभव किया। क्या यह वास्तव में जीवन को बेहतर बनाने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग है?

स्वस्थ सोशल मीडिया उपयोग के लिए सुझाव

मेरे अनुसार, हमें सोशल मीडिया के उपयोग को समय समय पर बाधित करना चाहिए और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम अपने वास्तविक संबंधों और काम में उसको बाधित नहीं होने देते। यदि हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं, तो हम सोशल मीडिया के सकारात्मक प्रभावों का उपयोग कर सकते हैं बिना बिना इसके दुरुपयोग पर पहुंचे। दृष्टांत के लिए, सोशल मीडिया का उपयोग करना और सीमित समय के लिए उसका उपयोग करना।

सम्पूर्णता के लिए

अंत में, मेरा आग्रह यह है कि हमें सोशल मीडिया के द्वारा हमें असामाजिक बनने के खतरे को समझने की आवश्यकता है। यदि हम इसे सही रूप से समझते हैं और कुशलतापूर्वक उपयोग करते हैं, तो हम अपने जीवन को बहुत अधिक सार्थक बना सकते हैं। लेकिन, हमें अविश्वसनीयता के खिलाफ सतर्क रहना होगा। हममें से हर एक को अपनी आवश्यकताओं और अरमानों की हिट को समझने और उनके साथ समंजस्य स्थापित करने की जिम्मेदारी होनी चाहिए, ताकि हम सोशल मीडिया के इस दौर में अपनी खुशी प्राप्त कर सकें।

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